मुहँ में यीशु, बगल में छुरी

मेरे इस मुहावरे को सुनकर आपके मुहँ में कुछ और आ रहा होगा, लेकिन में चाहता हूँ कि आप हिंदी के इस नए मुहावरे को सीख लें।

आज मसीही जीवन की बोल और चाल में दुनिया को अंतर दिखता है।

बाइबिल में लिखा है, अन्तिम दिनों में कठिन समय आएंगे। क्योंकि मनुष्य भक्ति का भेष तो धरेंगे, पर उस की शक्ति को न मानेंगे; ऐसों से परे रहना। – २ तीमुथियस ३:५

प्रभु यीशु अपने आप को मसीही कहने वालों से कहते हैं, जब तुम मेरा कहना नहीं मानते, तो मुझे हे प्रभु, हे प्रभु, क्यों कहते हो? – लूका ६:४६

प्रेरितों के काम में लिखा है, परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।
तुम पवित्र आत्मा पाओगे तो सामर्थ पाओगे और जगत के छोर तक मेरे गवाह ठहरोगे।

प्रभु यीशु के जीवन और सामर्थ के गवाह – सभाओं (मीटिंगों) में चिल्लाने के द्वारा गवाह नहीं बनते हैं पर प्रभु यीशु अपनी आत्मा की मौजूदगी के द्वारा उनके जीवन में हर समय प्रगट होते हैं।

सच तो कहा था प्रभु यीशु ने, जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके ह्रृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी। यूहन्ना ७:३८

सवाल है –
कहीं मुहँ में यीशु और बगल में छुरी का नया मुहावरा हमारे जीवन की ओर इशारा तो नहीं करता है ?

शिष्य थॉमसन