मर-मर के जीवन में आया
“मर-मर के जीवन में आया” (असली और नकली क्रूस – कविता) सोचा था, सोने का मैंने हीरे मोती, जड़ा हो […]
Read more →“मर-मर के जीवन में आया” (असली और नकली क्रूस – कविता) सोचा था, सोने का मैंने हीरे मोती, जड़ा हो […]
Read more →“मुंह बंद रखने का वरदान” मेरा सोचना है। की ये एक बड़ा वरदान है जो पवित्र आत्मा हमें दे सकता […]
Read more →युहन्ना ११ पड़ते हुए कुछ पंक्तियाँ लिखीं- शिष्य बिलखती हुई बहनों को व्याकुल असहाय आँखों को भाई के मरने पर […]
Read more →भूल न जाना जन्मोत्सव में, फुलझड़ियों की चमक दमक में, आये थे प्रभु यीशु जग में, हम सबको नवजीवन देने […]
Read more →कमर बाँध, अंगोछा कस कर, जल ले बैठूं चरण कमल पर, मुझको भी शक्ति दो प्रभुवर, मैं सेवक बन जाऊं… […]
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