परमेश्वर का राज्य धन और संपत्ति से नहीं बनेगा

मैं ऐसे भाई बहनों को उत्साहित करना चाहता हूँ जिन्हें न कोई जानें, न उन्हें पहचानें, न रास्ते में सलाम करें, न उन्हें अंग्रेजी आती है और न बड़े लोगों से मुलाकात है। और शायद वो निराश हो जाते हैं।

लेकिन स्वर्ग का पिता उन्हें प्रभु यीशु के द्वारा पहचानता है और उनके काम को सराहता है। बाइबिल में परमेश्वर दुनिया के कमज़ोरों और निकम्मो को बहुतायत से इस्तेनाल करता है।परमेश्वर कमज़ोरों द्वारा शक्तिशाली को हराने में आनंदित होता है।

अतीत में प्रभु ने क्या कहा और किया –

  • एक अकेले व्यक्ति और उसके परिवार का सारे संसार से सामना होता है। नूह का एक परिवार अकेले १०० साल तक बड़ी नाव बनाता है और परमेश्वर अपनी योजना पूरी करता है।
  • अब्राहम बूढ़ा हो चुका था। जब परमेश्वर ने बुलाया तो नहीं जानता था किधर जाता है पर फिर भी निकल गया। (इब्रानियों ११:८)
  • याकूब के घराने के ७० जन मिस्र पर छा गए।
  • मूसा के हाथ में लकड़ी दिया और फिरोन के सामने भेजा। मूसा हकलाता था और बात करने के लिए हारून को इस्तेमाल करता था।
  • गिदियन ने ३०० लोगों के साथ एक लाख से बड़ी सेना को हराया।
  • दाऊद के हाथ में पत्थर दिया और गोलियाथ ओर फलिस्तिनि सेना को हराया।
  • एलिय्याह नबी के सामने ४५० झूँठे नबी हार गए। कौए को एलिय्याह नबी को रोटी देने के लिए इस्तेमाल किया और अकाल के समय विधवा का थोड़ा आटा और कुप्पी भर तेल कभी खत्म नहीं हुआ।

प्रभु यीशू ने कहा – हे छोटे झुण्ड मत डर –

  • बस जहाँ २ या ३ मेरे नाम से इकट्ठे हों वहाँ मैं मौजूद होता हूँ वो आ जाता है उसे बड़े संबंधों (कन्वेन्षन) या हज़ारों की जनता की मीटिंग का इंतेज़ार नहीं होता।
  • सिर्फ १२ चेलों से प्रभु यीशु ने अपना कार्य प्रारंभ किया।
  • एक बच्चे की ५ रोटी और २ मछली से उसने हज़ारों को खिलाया।
  • यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला जंगल में अकेला था। जिसे खाने पहिनने के लिए आम लोगों के सामान भी साधन नहीं थे।
  • यूहन्ना चेला पटमोस के टापू में बुरे हाल में दुनिया से कटा हुआ था। कालेपानी की सज़ा काट रहा था पर उसे ही यीशु द्वारा संसार और स्वर्ग के भविष्य को दिखने का जिम्मा दिया गया। यदि इंसान का बस चलता तो वो टीवी, एडवरटाइजिंग, और धन को इस्तेमाल करता।

परमेश्वर अपने आप को बच्चों पर प्रगट करता है क्योंकि वे आसानी से विश्वास कर लेते हैं। ज्ञानी इसलिए छूट जाते हैं क्योंकि वे विश्वास नहीं कर पाते लेकिन समझना चाहते हैं।

परमेश्वर ने कुचले, बंधुए, मूर्ख, नीच और चुंगी लेने वालों को चुन लिया और बाज़ारों व गलियों के टुंडे और लंगड़े कंगालों और अंधों को चुन लिया। और जो अपनी सामर्थ पर भरोसा रखते थे वे बाहर रह गए।(१ कुरुंथी १:२१)

क्या आप कमज़ोर हैं?

यदि हाँ तो अब आप प्रभु के लिए लायक हैं।

शिष्य थॉमसन