क्रूस की मृत्यु के रहस्य

क्रूस की मृत्यु के रहस्य

मेमना जो उत्पत्ति से प्रकाशित वाक्य तक दिखता है वो प्रभु यीशु की तस्वीर है, उसकी कुर्बानी प्रभु यीशु का लहू बहाना है।
यूहन्ना 1:29 दूसरे दिन उस ने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है।

प्रभु यीशु ने कहा था
यूहन्ना 5:46 क्योंकि यदि तुम मूसा की प्रतीति करते, तो मेरी भी प्रतीति करते, इसलिये कि उस ने मेरे विषय में लिखा है।
बाईबल में उत्पत्ति से लेकर प्रकाशितवाक्य तक कई बार क्रूसित प्रभु यीशु की तस्वीर दिखाई देती है
कुछ उदाहरण है जिन्हें हम देखेंगे
1. अदम के बाग में आदम और हव्वा के नंगेपन को ढांपने के लिए खून बहाया जाना
2. हाबिल द्वारा परमेश्वर के सामने मेमने का बलिदान
3. मेल्किसेडेक की इब्राहीम से भेंट
4. इब्राहीम की परमेश्वर से वाचा, बलिदान के द्वारा
5. मंदिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक फट जाना
6. मिस्र की गुलामी से फसह के दिन इस्राइलियों का बाहर आना
7. यशायाह 53 में मृत्यु उठाता हुआ मेमना
8. यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का मेमना
9. क्रूस पर खून बहाते प्रभु यीशु
10. स्वर्ग सिंहासन के बीच मानो एक वध किया हुआ मेमना खड़ा है

1.
मेल्किसेडेक की इब्राहीम से भेंट (इब्रानियों 7:1-3)
प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ने के 2000 साल पहले
उत्पत्ति 14:18 में एक अजीब सी बात होती है, एक युद्ध जीतकर आते हुए इब्राहीम से एक पुरुष मिलता है जिसका नाम मेल्किसेडेक है जिसका अर्थ है धार्मिकता का राजा या शांति का राजा
इसे सालेम (यरूशलेम) का राजा कहा गया है, और ना इसके आदि के बारे में या उम्र का ही कोई ज़िक्र है, ये व्यक्ति सनातन है।
ये इब्राहीम को आशीर्वाद देता है, और उसको रोटी और दाखरस देता है
ये परमेश्वर का महायाजक है जो प्रभु यीशु की तस्वीर है, जैसे प्रभु यीशु तोड़कर रोटी देता है अपना शरीर और दाखरस जो उसका लहू है पीने को देता है
ये प्रभुभोज की तस्वीर है,
इब्राहीम उसको दस्वांश देता है जो की परमेश्वर को दिया जाता है।

2.
इब्राहीम की परमेश्वर से वाचा -बलिदान द्वारा

उत्पत्ति 15 में परमेश्वर इब्राहीम को आकाश की ओर देखने को कहता है तारे अन गिनित हैं और उतनी ही बड़ी संख्या में इब्राहीम की संतान होगी ये आशीर्वाद देता है। और इब्राहीम इस पर जब विश्वास करता है, तो परमेश्वर उसे इब्राहीम की धार्मिकता मान लेता है।
(उस समय जब इब्राहीम की कोई संतान ही नहीं थी)
इब्राहीम भी विश्वास के द्वारा धर्मी ठहरा,
कर्मों के द्वारा नहीं।
अब परमेश्वर इब्राहीम के साथ एक वाचा या करार ( covenant) करना चाहता है, की वह अपने वादे का पक्का होगा।

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इसके लिए एक बलिदान करना होगा खून बहाना होगा
एक मेमने को लेना पड़ेगा
– और उसके बीच से दो टुकड़े करके अलग वेदी पर रखना होगा, इब्राहीम ने ये किया
– तब अचानक कुछ मांसाहारी पक्षी, बलिदान का मांस खाने को झपटे, लेकिन इब्राहीम ने उन्हें उड़ा दिया
– बहुत भयानक अंधकार छा गया। इब्राहीम घबरा उठा
– और तब कुर्बानी के दो टुकड़े के बीच से होती हुई परमेश्वर की आग गुजर गई याने वाचा बांध गई
अब ये तस्वीर क्रूस पर मरते हुए प्रभु यीशु के बलिदान से कैसे मिलती है।
नीचे पढ़िए
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– प्रभु यीशु क्रूस पर हैं, कहते हैं ये मेरा बदन है, जो तुम्हारे लिए तोड़ा गया है(इब्राहीम के मेमने की तरह)
– मांसाहारी पक्षी और तीन घंटे का सूर्य का अंधकार हो जाना ( इब्राहीम के बलिदान के समय घोर अंधकार का छा जाना , ये प्रभु यीशु के क्रूस पर लटकते समय
दुष्ट मनुष्य और अंधकार की दुष्टात्माएं का भयानक आक्रमण था इसलिए कि किसी भी तरह क्रूस पर भी प्रभु को परीक्षा में हरा दें, झुका दें, हार मनवा लें,
लोग चिल्ला रहे थे उतर आ यदि तू मसीह है तूने औरों को बचाया
प्रभु यीशु को अकेले ये परीक्षा पर विजय पाना है वो खुद ही कहता है, हे परमेश्वर हे परमेश्वर तूने मुझे क्यों छोड़ दिया है।
पिता की मदद से नहीं अकेले जीत हासिल करनी होगी ।
भजन 22 – मेरी सहायता करने से क्यों दूर रहता है, संकट निकट है, और कोई सहायक नहीं है
( जैसे विद्यार्थी की परीक्षा में शिक्षक मदद नहीं कर सकता है)
बाशान के बलवंत सांड मुझे घेरे हुए हैं,
फाड़ने और गरजने वाले सिंह अपना मुंह पसारे हुए हैं कुत्तों ने मुझे घेर लिया है,
कुकर्मियों की मंडली मेरे चारों ओर मुझे घेरे हुए है।
वो मेरे हाथ और पैर छेदते हैं, मेरे वस्त्र आपस में बांटते हैं और मेरे पहिरावे पर चिट्ठी डालते हैं
(मत्ती 27:35) मेरे प्राण को कुत्ते के पंजे से बचा ले, मुझे सिंह के मुंह से बचा।

– इसके बाद परमेश्वर की आग मेमने के दो टुकड़े के बीच से गुजरती है, और वाचा बंध जाती है,
– प्रभु यीशु चिल्लाकर कहते हैं, पूरा हुआ, और अपनी आत्मा पिता के हाथ सौंप देते हैं।

– इब्रानियों 10:19,20 सो हे भाइयो, जब कि हमें यीशु के लोहू के द्वारा उस नए और जीवते मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का हियाव हो गया है।
जो उस ने परदे अर्थात अपने शरीर में से होकर, हमारे लिये अभिषेक किया है,

– यहां पर मेमने के दो टुकड़े कर रखना,
– मसीह के शरीर से होकर जीवित मार्ग का बनना और
– मंदिर के पर्दे का दो भागों में फट जाना, प्रभु यीशु के
– क्रूस की मृत्यु की घटना की तस्वीर है।

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मंदिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक फट जाना

प्रभु यीशु का शरीर और यरूशलेम के मंदिर के पर्दे का संबंध है
दोपहर के तीन बजे हर दिन मंदिर में कुर्बानी दी जाती थी, लेकिन उस दिन परमेश्वर का मेमना हमारा प्रभु यीशु क्रूस पर कुर्बान होता है, और अति पवित्र स्थान जहां परमेश्वर की उपस्थिति रहती है, उसको अलग करने वाला पर्दा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो जाता है।
पर्दे की ऊंचाई करीब 60 फीट थी, चौड़ाई 30 फीट और मोटाई 4 इंच थी।
ये मज़बूत पर्दा मनुष्य द्वारा फाड़ा नहीं जा सकता था, पर ये ऊपर से नीचे तक फट जाता है,
इसका अर्थ ये है कि काम ऊपर से या परमेश्वर की तरफ से हुआ है, मेल मिलाप का काम परमेश्वर की तरफ से हुआ है,
मनुष्य का इसमें कोई हाथ नहीं है, और न ही उससे हो सकता था।
मंदिर के पर्दे के फटने के साथ ही मंदिर की कुर्बानियां भी खत्म हो गईं।

3.
अब इस मेमने के कहानी को आगे लेकर जाते हैं।
उत्पत्ति 22 में परमेश्वर इब्राहीम से कहते हैं, अपने इकलौते पुत्र को जिससे तू प्रेम करता है, ले जाकर मोरिया पहाड़ पर बलिदान के रूप में चढ़ा दे।

इब्राहीम इस आदेश को पूरा करने जाता है, ये मोरिया पहाड़ वही है जहा सैकड़ो साल के बाद प्रभु यीशु अपनी कुर्बानी देते हैं, जिसे हम कलवरी और गोलगोथा कहते हैं।
इसहाक के बदले वहां भी एक मेमना बली होता है

4.
अब आगे चलें यहां से करीब 430 साल आगे,
और प्रभु यीशु के क्रूस के करीब 1700 साल पहले
मिस्र की गुलामी से छुड़ाने के लिए हर घर में मेमना बली होता है,
और उसका खून दरवाजों की चौखट पर लगाया जाता है, जिसके कारण इस्राइली स्वर्गदूत की तलवार से बच जाते हैं, और उस दिन वो मिस्र से बाहर निकलते हैं,
जिसे फसह का दिन कहते हैं और हर साल उसे मनाया जाता है।
प्रभु यीशु इसी दिन को क्रूस पर अपनी कुर्बानी देते है

5.
आगे हम यशायाह 53 में भी इस मेमने के बारे में, प्रभु यीशु के क्रूस के करीब 400 साल पहले भविष्यवाणी के रूप में पढ़ते है।
वह तुच्छ जाना गया, हमने उसका मूल्य न जाना, उसे मारा कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा, वह हमारे अपराधों के कारण घायल किया गया,
कुचला गया और कोड़े खाए, हमारे अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया गया, वह सताया गया, पर उसने अपना मुंह न खोला,
उसने बहुतों के पापों का बोझ उठा लिया और वो अपराधियों के लिए बिनती करता है।

6.
अब हम आज से 2000 साल पहले आते हैं, यहां यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला चिल्लाकर कहता है, देखो परमेश्वर का मेमना जो जगत के पाप उठा ले जाता है।
बहुत से लोग मेमने को मेमना या भेड़ ही समझ बैठे थे।

7.
लेकिन वो एक मनुष्य था,
परमेश्वर का पुत्र प्रभु यीशु था, हमारा उद्धरकर्ता था, क्रूस पर अपनी कुर्बानी देकर रक्त बहाकर सारे संसार के पापों को अपने ऊपर उठा रहा था,

8.
खुशखबरी ये है कि ये मेमना जी उठा है और आज स्वर्ग में विराजमान है।
“और मैं ने उस सिंहासन और चारों प्राणियों और उन प्राचीनों के बीच में, मानों एक वध किया हुआ मेम्ना खड़ा देखा: ”
प्रकाशित वाक्य 5:6
“वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा”
इब्रानियों 1:3

आज सवाल है
क्या उस मेमने को आप अपने जीवन में भी देखते हो ?